हर दिन कोई न कोई मैलवेयर (मैलवेयर) से संबंधित ऐप्स सामने आ ही जाते हैं। इसलिए स्मार्टफोन यूजर्स पर्सनल डेटा चोरी होने से पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं। हाल ही में एक ऐसा Android ऐप खोजा गया था, जिसकी मदद से यूज़र्स को काफी समय तक प्रभावित किया जा रहा था। यह लंबे समय से गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और इसे 50 हजार से ज्यादा बार डाउनलोड किया जा चुका है।
ESET के शोधकर्ताओं द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, iRecorder नाम के ऐप को पहली बार सितंबर 2019 में Google Play Store पर अपलोड किया गया था। और एक साल बाद यह खुले स्रोत AhMyth Android Rat (रिमोट एक्सेस ट्रोजन) से संक्रमित हो गया। और जब भी यूजर्स इसे अपडेट करते हैं तो यह मैलवेयर उनके डिवाइस में भी आ जाता है। ध्यान दें कि अगस्त 2022 से इस ऐप से कई डिवाइस प्रभावित हुए हैं।
विभिन्न उपयोगकर्ता जानकारी चोरी और अपलोड की गई थी
सुरक्षा शोधकर्ताओं ने कहा कि खतरनाक आईरिकॉर्डर ऐप विभिन्न उपयोगकर्ता डेटा चुराकर हैकर्स को भेजता था। हैरानी की बात यह है कि इस ऐप को अपने स्क्रीन रिकॉर्डिंग फीचर के लिए यूजर्स से 5 में से 4.2 रेटिंग भी मिली है। यानी यह ऐप स्क्रीन रिकॉर्डिंग करते हुए यूजर की कई तरह की जानकारियां चुरा लेता था।
ऐप पर हैकर्स का पूरा कंट्रोल था
हालाँकि, ऐप के पहले संस्करण में कोई दुर्भावनापूर्ण कार्य नहीं था। लेकिन बाद में यह एक संक्रमित ऐप में बदल जाता है। इसका सबसे बड़ा खतरा यह है कि यह हैकर्स को अपने कमांड और कंट्रोल सर्वर के जरिए यूजर्स के डिवाइस पर क्या हो रहा है, इसकी निगरानी करने की अनुमति देता है।
यह संक्रमित ऐप यूजर के फोन से ऑडियो रिकॉर्ड करने, स्क्रीन रिकॉर्ड करने, इमेज कैप्चर करने, डिवाइस की लोकेशन ट्रैक करने और फोन में मौजूद सभी फाइलों तक पहुंच हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इस बात को समझते हुए गूगल ने इस ऐप को प्ले स्टोर से हटा दिया है। इसलिए यूजर्स को इस ऐप को फोन से डिलीट कर देना चाहिए।